Rajasthan HighCourt New Order Safai Karmchari नगरीय विकास विभाग में सफाई कर्मचारियों की 13184 पदों की भर्ती के लिए राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी खबर निकल कर आ रही है राजस्थान हाईकोर्ट ने इस भर्ती के लिए सरकार को अनुमति दे दी है इस भर्ती को रोकने और चयन प्रक्रिया में बदलाव के लिए याचिका लगाई गई थी जिसको लेकर कोर्ट ने सरकार के पक्ष को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने का आदेश जारी कर दिया है तो आईए जानते हैं अब इस भर्ती की चयन प्रक्रिया के बारे में
दोस्तों राजस्थान नगरीय विकास विभाग द्वारा 13184 सफाई कर्मचारियों के पदों पर भारती के लिए आवेदन मांगे थे और कल 839000 अभ्यर्थियों ने इस भर्ती के लिए आवेदन फार्म भरे थे जिसमें चयन प्रक्रिया को लेकर मोहम्मद रहीस व अन्य अभ्यर्थियों ने याचिका लगाई थी और इस भर्ती की चयन प्रक्रिया के ऊपर सवाल उठाये थे एवं कोर्ट से इस भर्ती को रोकने के लिए निवेदन किया था जिसको लेकर अब कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है
Rajasthan HighCourt New Order
राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा 11 सितंबर को इस याचिका की सुनवाई की और न्यायाधीश सुदेश बंसल ने भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने का फैसला सुनाया है हाई कोर्ट द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया को वैध माना गया है और सरकार को इस भर्ती को पूर्ण करने की छूट प्रदान की गई है याचिका कर्ता द्वारा इस भर्ती को रोकने के लिए निवेदन किया गया था लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए भर्ती प्रक्रिया को सही मानते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है और भर्ती प्रक्रिया को लेकर निर्णय लेने के लिए सरकार को स्वतंत्र रखा है
सफाई कर्मचारी चयन प्रक्रिया
दोस्तों इस भर्ती की चयन प्रक्रिया को लेकर याचिका कर्ता ने कोर्ट में सवाल उठाए थे और 50 अंकों के प्रैक्टिकल और 30 अंकों के इंटरव्यू होने के कारण धांधली का आरोप लगाया था कि इस भर्ती में इस तरह की चयन प्रक्रिया से धांधली हो सकती है जबकि पूर्व में कम योग्यता वाली भर्तियों को हाई कोर्ट द्वारा लॉटरी के माध्यम से करवाने को लेकर आदेश जारी हो चुका है जबकि सरकार इस प्रक्रिया को बदलकर इंटरव्यू एवं प्रैक्टिकल के माध्यम से भर्ती करवा रही है जिससे बड़ी धांधली हो सकती है लेकिन कोर्ट ने सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति को सही माना है और अब यह भर्ती इंटरव्यू एवं प्रैक्टिकल के माध्यम से ही होगी
सरकार ने बदली चयन प्रकिर्या
इससे पहले दोस्तों यह भर्ती लॉटरी के माध्यम से ही करवाई जा रही थी लेकिन वाल्मीकि समाज के विरोध के कारण इस भर्ती को प्रैक्टिकल और इंटरव्यू के माध्यम से करवाने के लिए सरकार ने भर्ती नियमों में संशोधन किया था और भर्ती को प्रैक्टिकल और इंटरव्यू के माध्यम से करवाया जाना सुनिश्चित किया गया जिसके कारण अन्य समाज के अभ्यर्थियों ने इसका विरोध किया लेकिन सरकार ने नहीं सुनी तो कोर्ट में याचिका दायर की गई लेकिन कोर्ट ने भी सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है जिससे अब यह भर्ती इंटरव्यू और प्रैक्टिकल के माध्यम से ही आयोजित की जाएगी